I believe in the imagination. What I cannot see is infinitely more important than what I can see.

Friday, May 2, 2008

आदर्श प्रेम

प्यार किसी को करना लेकिन
कहकर उसे बताना क्या,
अपने को अर्पण करना पर
और को अपनाना क्या
गुण का ग्राहक बनना लेकिन
गाकर उसे सुनाना क्या,
मन के कल्पित भावो से
औरों को भ्रम में लाना क्या
ले लेना सुगंध सुमनों की
तोड़ उन्हें मुरझाना क्या,
प्रेम हार पहनना लेकिन
प्रेम पाश फैलाना क्या
त्याग अंक में पले प्रेम शिशु
उनमे स्वार्थ बताना क्या,
देकर हृदय हृदय पाने की
आशा व्यर्थ लगाना क्या
Harivansh rai bachchan

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