I believe in the imagination. What I cannot see is infinitely more important than what I can see.

Wednesday, September 24, 2008

विश्वास


कितना अच्छा लगता है
जब कोई आपको समझाता है
कुछ कर गुजरने कि राह दिखाता है
आप में अपना विश्वास जताता है

कैसी भी हो परिस्थिति
कितनी विषम ही क्यों न हो स्थिति
यह विश्वास ही तो है
जो हर पल हमे संभाले रखता है
कभी स्वयं का स्वयं पर विश्वास
कभी अनजानो का आप पर विश्वास
बड़े बड़े चमत्कार दिखा सकता है

भगवान को देखा नहीं कभी
लेकिन सिर्फ विश्वास ही तो है
जो उसके होने का अहसास करवाता है
और करते है जब हम रिश्तो की बातें
विश्वास ही तो रिश्तो को मजबूत बनता है


इसीलिए कभी किसी का विश्वास टूटने न देना
और अपने हाथों से रिश्तों की डोर छूटने न देना..
(साहित्यिका)

2 comments:

Dhawal said...

Nice poem, will write the english version of it soon.

Novoneel Chakraborty said...

beautiful!!!

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