प्यार के इजहार को मिले रूप हज़ार,
कोई कहता वैलेंटाइन, कोई कहता बसंत का त्यौहार
फिर भी सभी को चढा रहता है
साल भर प्यार का बुखार...
ये प्यार प्यार नहीं सिर्फ एक जंजीर है..
लोगो के लिए ये दिन टाइम पास की एक तदबीर है
दिल बहलाने के लिए कुछ तो चाहिए जनाब
जब ऊब गए व्यापारों से तो सोचा
प्यार से दिल बहलाया जाये
और इसी प्यार का व्यापर करके
कुछ दाम कमाया जाए
जिसने प्यार से कमाया दाम
वो तो हुए सफल, पर
जिसने प्यार में खोया दाम
वो हो गए विफल
इस व्यापर के व्यवहार ने
बदल डाली प्रेम की परिभाषा
प्रेम रह गया सिर्फ नर नारी कि संपत्ति
बाकी संबंधो का प्रेम बन गया विपत्ति
विपत्ति से छुटकारा पाने के लिए बने
mother's day aur father's day
इसीलिए अब डे पर ही प्यार किया जाता है ..
और बाकी दिन सिर्फ प्यार डे का इंतज़ार किया जाता है..
कोई कहता वैलेंटाइन, कोई कहता बसंत का त्यौहार
फिर भी सभी को चढा रहता है
साल भर प्यार का बुखार...
ये प्यार प्यार नहीं सिर्फ एक जंजीर है..
लोगो के लिए ये दिन टाइम पास की एक तदबीर है
दिल बहलाने के लिए कुछ तो चाहिए जनाब
जब ऊब गए व्यापारों से तो सोचा
प्यार से दिल बहलाया जाये
और इसी प्यार का व्यापर करके
कुछ दाम कमाया जाए
जिसने प्यार से कमाया दाम
वो तो हुए सफल, पर
जिसने प्यार में खोया दाम
वो हो गए विफल
इस व्यापर के व्यवहार ने
बदल डाली प्रेम की परिभाषा
प्रेम रह गया सिर्फ नर नारी कि संपत्ति
बाकी संबंधो का प्रेम बन गया विपत्ति
विपत्ति से छुटकारा पाने के लिए बने
mother's day aur father's day
इसीलिए अब डे पर ही प्यार किया जाता है ..
और बाकी दिन सिर्फ प्यार डे का इंतज़ार किया जाता है..
2 comments:
badhia likha hai bhai.
bahut khub kataksh kiya hai aapne.
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