जब भी मुड कर देखो अतीत,
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
वो प्यारी बातें, वो लम्बी रातें,
यादों के बिछोने पे सोना,
मिलने की तड़प का होना,
वो भावों को शब्दों में पिरोना,
अब भी वो शब्द दिल में उतरते हैं,
जब भी मुड कर देखो अतीत,
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
वो चाँद को निहारना,
उसमे किसी की तस्वीर ढूँढना,
वो टूटते तारे को देख,
किसी से मिलने की आस जताना,
आज भी चाँद तारों को देख कर,
क्यों चेहरे पे मुस्कान खिल उठती है ,
जब भी मुड कर देखो अतीत,
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
वो अपने आप से बातें,
वो सालों के इंतजार के बाद मुलाकातें,
वो छत पे टहलना,
वो गाने सुन कर बहलना,
यु अपने आप को उनमे महसूस कर,
वो गुनगुना वो बहकना,
जब भी मुड कर देखो अतीत,
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
कभी कभी यु लगता है ,
वो वक़्त, वो रातें, वो बातें,
वापिस मिल जाती तो कितना अच्छा होता,
वो अकेलेपन की तन्हाई,
वो करवट, वो रजाई,
फिर से मिल जाते, तो कितना अच्छा होता,
पर सब यु ही मिल सकता दुबारा
तो यादें भला कैसे बन पाती?
इसीलिए तो ॥
जब भी मुड कर देखो अतीत,
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
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Jab bhi mud ke dekho ateet.
wo pal kitne sundar lagte hai
wo pyari baatein,
wo lambi raatein
yaado ke bichone pe sona
milne ki tadap ka hona.
wo bhavo ko shabdo me pirona.
ab bhi wo shabd dil me utarte hai
jab bhi mud ke dekho ateet
wo pal kitne sundar lagte hai
wo chand ko niharana
wo chand ko niharana
usme kisi ki tasvir doondna
wo tootate tare ko dekh
kisi se milne ki aas jatana
aaj bhi chand taro ko dekh kar
kyo chehare pe muskan khil uthati hai
jab bhi mud ke dekho ateet
wo pal kitne sundar lagte hai
wo apne aap se baatein
wo salo ke intzar ke baad mulakate
wo chhat pe tehlna
wo gane sun kar behlana..
yu apne aap ko unme masus karke
wo gunguna wo behkna
jab bhi mud ke dekho ateet
wo pal kitne sundar lagte hai
kabhi kabhi yu lagta hai wo waqt .
wo ratein.. wo baatein..
vapis mil jati to kitna achcha hota
wo akelpan ki tanhai wo karwat wo rajai
phir se mil jate to kitna achcha hota
per sab yu mil sakta dubara
to yaadein bhala kaise ban pati
isiliye to ..
jab bhi mud ke dekho ateet.
wo pal kitne sundar lagte hai .. :)
9 comments:
बहुत भाव प्रवण रचना..........
सुन्दर प्रतीकों के माध्यम से उत्तम शब्दों द्वारा उर्जस्वित अभिव्यक्ति...........
जब भी मुड कर देखो अतीत,
वो पल कितने सुन्दर लगते है॥
Very beautiful poem.....
Very nice...Very Touching...
Your most welcome in my blog.
कभी कभी यु लगता है ,
वो वक़्त, वो रातें, वो बातें,
वापिस मिल जाती तो कितना अच्छा होता,
वो अकेलेपन की तन्हाई,
वो करवट, वो रजाई,
फिर से मिल जाते, तो कितना अच्छा होता,
पर सब यु ही मिल सकता दुबारा
तो यादें भला कैसे बन पाती?
bahut khub
Aw, this was a really nice post. In idea I would like to put in writing like this additionally - taking time and actual effort to make a very good article… but what can I say… I procrastinate alot and by no means seem to get something done.
bhahut sunder. bhawon ko sabdo main pirona..
bahut khub...kuch pal sundar hi hote hain...nayi subah ki tarah...!
i came here to see if u r back!!! wer are u hiding?
वाह बेहद खूबसूरत शब्दों की अभिव्यक्ति ....
आभार इस रचना के लिए...!!
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