ऐ हमला करने वालों
हमले से तुम क्या पाओगे??
दूजों को कष्ट पंहुचा कर
क्या तुम खुश रह पाओगे??
क्यों हो गया इतना निर्मम मानव
क्यों बनता जा रहा है वह दानव
अपनी अभिलाषाओं की खातिर
बेकसूरों का रक्त बहा कर
क्या तुम मंजिल पा पाओगे??
तुम्हे हथियार बना कर उपयोग किया जाता है
तुम्हे उपयोग कर सत्ता का उपभोग किया जाता है
कहते है वे तुमसे ये धर्म का काम है
और धर्म की रक्षा के लिए लड़ना तुम्हारा इमान है
पर तुम क्यों कभी नहीं सोचते
धर्म क्या कोई चीज़ है
जिसे तुम लड़ कर पा जाओगे??
जिनकी तुम रक्षा करते
जिनके लिए तुम अपना खून खर्चते
अपनी जान की कुर्बानी दे कर भी
उनकी नज़रों में क्या कभी तुम उठ पाओगे??
धर्म, देश और जाति की तुम बातें करते
इसके लिए ही जीते मरते
पर यह क्यों नहीं सोचते कि
मानवता का खून कर तुम मानव को कैसे पा पाओगे??
ऐ हमला करने वालों
हमले से तुम क्या पाओगे??
2 comments:
ladna tumhara iman hai ???????
sundar bha aur bhasha . sajavat bhee bejod .
Yes, really. And I have faced it. Let's discuss this question. Here or in PM.
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