मन में हरदम भाव वही होते हैं
बस व्यक्त करते वक्त शब्द बदल जाते हैं
दिल में तो बसता सभी के है एक ही खुदा
बस जबान पर आते आते उसके नाम बदल जाते हैं
बस व्यक्त करते वक्त शब्द बदल जाते हैं
दिल में तो बसता सभी के है एक ही खुदा
बस जबान पर आते आते उसके नाम बदल जाते हैं
शब्दों के जाल में उलझ कर हम
भावों की अभिव्यक्ति भूल जाते हैं
मौन, संकेत, और प्रेम कि भाषा भूल
द्वेष, अपमान और द्वंद में लिप्त हो जाते हैं..
1 comment:
rightly said
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