wah, aapki panktiyo me naa jaane esa kyaa he jo vazan rakhta he..aour usase hota ye he ki bahut se arth nikalne lagte he, yahi chand panktiyo ki sarthakta he.. achcha likhti he aap, aapke blog par aanaa achcha lagne laga he..
ऐसा भी हो जाता है जब कि शब्द नहीं आते..... आ भी जाए तो फिर आकर कहीं नहीं जाते..... किसने समझा है इन शब्दों के मतलब को.... किसी की समझ में ये मतलब ही नहीं आते..... शब्दों की तलाश में हम अकसर खो ही जाते हैं और लौट कर ये रस्ते फिर नज़र भी नहीं आते मन के तूफानों में अक्सर ही हम डूब जाते हैं.... और फिर यही शब्द तो हमें रास्ता हैं दिखाते..... इक ज़रा प्यार से जब कभी इनको बोला करो.... बड़े-बड़े पत्थर भी फिर कोमल से फूल बन जाते कभी तो अपने मन को मसोस कर धर देते हैं हम और कभी आसमां की जद में उड़ने को चले जाते हमसे यूँ बेमतलब ही उखड़े-उखड़े तुम रहा ना करो हमसे भी तुम्हारे नखरे "गाफिल" सहे नहीं जाते....
12 comments:
Very nice....original....
bahut hi badhiya bhav.
hey that was nice, you write really well
I am not soo good at hindi, i am sure your posts can surely help he improve :)
wah, aapki panktiyo me naa jaane esa kyaa he jo vazan rakhta he..aour usase hota ye he ki bahut se arth nikalne lagte he, yahi chand panktiyo ki sarthakta he..
achcha likhti he aap, aapke blog par aanaa achcha lagne laga he..
dhanyawad..
ji haa . ye maine hi likhi hai.. :)
ऐसा भी हो जाता है जब कि शब्द नहीं आते.....
आ भी जाए तो फिर आकर कहीं नहीं जाते.....
किसने समझा है इन शब्दों के मतलब को....
किसी की समझ में ये मतलब ही नहीं आते.....
शब्दों की तलाश में हम अकसर खो ही जाते हैं
और लौट कर ये रस्ते फिर नज़र भी नहीं आते
मन के तूफानों में अक्सर ही हम डूब जाते हैं....
और फिर यही शब्द तो हमें रास्ता हैं दिखाते.....
इक ज़रा प्यार से जब कभी इनको बोला करो....
बड़े-बड़े पत्थर भी फिर कोमल से फूल बन जाते
कभी तो अपने मन को मसोस कर धर देते हैं हम
और कभी आसमां की जद में उड़ने को चले जाते
हमसे यूँ बेमतलब ही उखड़े-उखड़े तुम रहा ना करो
हमसे भी तुम्हारे नखरे "गाफिल" सहे नहीं जाते....
dhanyawad bhootnath ji..
हमसे यूँ बेमतलब ही उखड़े-उखड़े तुम रहा ना करो
हमसे भी तुम्हारे नखरे "गाफिल" सहे नहीं जाते....
in panktiyon ka matlab kanhi hmse to nahi??
ahhhhh such beautiful lines...esp
"pathar ko bhi tarasha jaa sakta hai"
loved it completely!!!
blogrollin ya...i need to come here n read stuff like this more often
वाहवा... अच्छी रचना..
bahut khoob
mari janib se daad kabool farmayen
Ati sunder.:)
बहुत उत्तम रचना है !
Post a Comment